Google का जन्मदिन रहस्य: क्यों 27 सितंबर को मनाते हैं कंपनी?

Google का जन्मदिन रहस्य: क्यों 27 सितंबर को मनाते हैं कंपनी?

Google का जन्मदिन उलझन

जब भी आप Google की सर्च बार खोलते हैं, शायद आप उसके जन्मदिन के बारे में नहीं सोचते। लेकिन हर साल 27 सितंबर को गूगल को अपना "जन्मदिन" मनाते हुए देखा गया है, जबकि कंपनी सच‑मुच 4 सितंबर 1998 को कानूनी रूप से रजिस्टर्ड हुई थी। यह विरोधाभास कई सवालों को जन्म देता है।

गुज़रे सालों में कंपनी ने विभिन्न तिथियों को प्रयोग किया – कभी सितंबर की शुरुआत, कभी मध्य में। 2006 से लगातार 27 सितंबर को मनाने का मुख्य कारण शायद उस समय हुए एक बड़े तकनीकी माइलस्टोन से जुड़ा हो। उस साल गूगल ने अपने वेब इंडेक्सिंग क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण सुधार किया, जिससे सर्च परिणाम पहले से तेज़ और सटीक हुए। साथ ही, उसी दिन 1998 में पहला "डूडल" भी लगा था – एक साधारण स्टिक‑फ़िगर जो बर्निंग मैन फेस्टिवल के सम्मान में था। ये दो घटनाएँ मिलकर 27 सितंबर को यादगार बन गईं।

गूगल ने अपनी आधिकारिक बयान में बताया है कि कंपनी का वास्तविक जन्म अगस्त 1998 में हुआ, जब एंडी बेक्टोल्सहाइम ने लार्री पेज और सर्गे बैन को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की चेक लिखी। यह वित्तीय सहायता गूगल को स्थापित करने का पहला कदम थी। कानूनी रूप से incorporation 4 सितंबर को हुआ, पर उद्यमी भावना और शुरुआती उपलब्धियों का जश्न 27 सितंबर को मनाया जाता रहा।

  • अगस्त 1998 – एंडी बेक्टोल्सहाइम की चेक, आधिकारिक तौर पर कंपनी का जन्म।
  • 4 सितंबर 1998 – कानूनी रूप से Google Inc. की स्थापना।
  • 1998 के अंत में पहला डूडल, बर्निंग मैन को समर्पित।
  • 2006 से लगातार 27 सितंबर को जन्मदिन का चयन।
Google का विकास और वैश्विक प्रभाव

Google का विकास और वैश्विक प्रभाव

गूगल की कहानी शुरू हुई 1995 में, जब लार्री पेज ने स्टैनफ़ोर्ड में स्नातकोत्तर पढ़ाई की और सर्गे बैन से मिले। शुरुआती झगड़े के बाद उन्होंने जुड़कर "BackRub" नामक एक प्रोटोटाइप बनाया, जो वेब पेजों को लिंक के आधार पर रैंक करता था। यही तकनीक बाद में "Google" बन गई – शब्द "googol" से प्रेरित, जो 1 के बाद 100 शून्य होते हैं।

मेनलो पार्क के एक गैरेज में शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट धीरे‑धीरे दुनिया का सबसे भरोसेमंद सर्च इंजन बन गया। 2000‑2003 के दशक में याहू और अल्टाविस्टा जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देते हुए गूगल ने सहज डिजाइन, तेज़ उत्तर और मज़ेदार डूडल्स के माध्यम से उपयोगकर्ताओं का दिल जीत लिया।

सिर्फ सर्च पर रुकना गूगल ने नहीं चाहा। 2004 में Gmail लॉन्च हुआ, जिसके साथ 1 GB मुफ्त स्टोरेज मिला – वह समय में बिल्कुल नया विचार था। 2008 में Chrome ब्राउज़र आया, जो हल्के और तेज़ होने की वजह से जल्दी ही कई लोगों का पसंदीदा बन गया। Android ऑपरेटिंग सिस्टम ने मोबाइल दुनिया में क्रांति ला दी और आज यह विश्व का सबसे अधिक उपयोग होने वाला मोबाइल OS है।

2015 में गूगल ने मातृत्व कंपनी "Alphabet Inc." की रूपरेखा तैयार की, जिससे विभिन्न प्रोजेक्ट्स – जैसे AI प्लेटफ़ॉर्म Gemini, क्लाउड सर्विसेज, क्वांटम कंप्यूटिंग और ई‑कॉमर्स पर काम करने वाली टीमें – एक ही छत्र के नीचे आ गईं। CEO सुंदर पिचाई के नेतृत्व में कंपनी ने AI, मशीन लर्निंग और मेटावर्स जैसी नई तकनीकों में भारी निवेश किया है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन की बात करें तो गूगल अब ट्रिलियन‑डॉलर मूल्य वाली कंपनियों में गिनी जाती है। लार्री और सर्गे दैनिक कार्यों से हटते हुए भी कंपनी में विशेष क्लास‑बी शेयरों के माध्यम से वोटिंग कंट्रोल बनाए रखते हैं।

टेक्नोलॉजी से परे गूगल का सांस्कृतिक प्रभाव भी उल्लेखनीय है। हर साल विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समारोहों को मानते हुए बनाए जाने वाले डूडल्स न केवल ब्रांड को मानवीय बनाते हैं, बल्कि इतिहास की महत्वपूर्ण हस्तियों, वैज्ञानिकों और कलाकारों को उजागर करते हैं। शुरुआती सालों में साधा स्टिक‑फ़िगर से अब एनीमेटेड गेम, इंटरेक्टिव आर्टवर्क और 3‑डि मॉडल तक का सफर तय कर चुका है। यहाँ तक कि कंपनी का लोगो खुद भी बदलाव से गुज़रा – सेरिफ़ और 3‑डी शैडो से लेकर अब के सादे, फ्लैट डिज़ाइन तक।

संक्षेप में, गूगल का जन्मदिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक यात्रा का प्रतीक है – एक स्टैनफ़ोर्ड डॉर्म रूम के प्रोजेक्ट से लेकर विश्व के सबसे प्रभावशाली टेक दिग्गज बनने तक। इस यात्रा में कई मोड़, नवाचार और सांस्कृतिक पहलू जुड़े हैं, जो इसे न सिर्फ सर्च, बल्कि आधुनिक जीवन की रीढ़ बनाते हैं।

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