क्या सुबह कुछ हल्का पर क्लासिक चाहिए? दक्षिण भारतीय नाश्ते घर पर जल्दी बनते हैं, पौष्टिक होते हैं और बच्चों-बड़ों दोनों को पसंद आते हैं। इडली, डोसा, उपमा, वड़ा, उत्तपम और पोंगल—हर एक का तरीका अलग है लेकिन बनाने के आसान टिप्स आपको सुबह का काम बेहद तेज़ कर देंगे।
इडली/डोसा: बैटर को अच्छे से फेंटें और ढक कर रात भर फर्मेंट होने दें। पैन गर्म होने के बाद हल्का तेल लगाकर डोसा पतला फैलाएं—तेज़ आंच पर शुरू करें और फिर मध्यम कर दें ताकि क्रिस्पी बाहर और नरम अंदर रहे। इडली के लिए स्टीमर में पानी उबलने के बाद ही ट्रे रखें, 10–12 मिनट काफी होते हैं।
उपमा: सूजी को पहले सूखा भून लें ताकि कच्ची सोंधी खुशबू न रहे। तड़के में सरसों, करी पत्ता, हरी मिर्च और कटी प्याज डालें, फिर पानी और नमक डालकर धीमी आंच पर पकाएं। ऊपर से नींबू रस और हरा धनिया तुरंत स्वाद बढ़ा देता है।
वड़ा और उत्तपम: वड़ा के लिए उड़द दाल को अच्छी तरह भिगोकर मोटा पीसें, थोड़ा नमक और हरी मिर्च डालें; तलते समय तेल बहुत गर्म न हो तो अंदर कच्चा न रहे। उत्तपम में बारीक सब्जियां ऊपर से डालें—यह नाश्ते को टिकाऊ और भरपूर बनाता है।
पोंगल और फोर्ज: मूंग-चावल के मेल से बनने वाला पोंगल स्वाद में हल्का और पचने में आसान है। घी और काली मिर्च का तड़का इसे खास बनाता है।
सॉम्बर और नारियल की चटनी के साथ परोसें—सॉम्बर में सब्जियां और मसाले मिलाकर प्रोटीन व विटामिन बढ़ते हैं। चटनी को फ्रिज में एयरटाइट कंटेनर में 2-3 दिन रखा जा सकता है; सॉम्बर 2 दिन तक ठीक रहता है। इडली/डोसा बैटर फ्रिज में 3–4 दिन सुरक्षित रहता है, पर फ्रेश फर्मेंटेड बैटर सुबह की एनर्जी के लिए सबसे अच्छा है।
स्वास्थ्य पर ध्यान: इडली और डोसा का फर्मेंटेशन विटामिन बी बढ़ाता है और पाचन को आसान बनाता है। उपमा और पोंगल साबुत अनाज या दाल के साथ प्रोटीन देते हैं। अगर आप वजन पर ध्यान दे रहे हैं तो डोसे पतले रखें, तलने में कम तेल लें और चटनी में तेल सीमित रखें।
ऑन-द-गो विकल्प: अगर समय कम है तो धनिये-नारियल की चटनी के साथ तैयार इडली या ओट्स-उपमा लें—यह पोषण देगा और पेट भरा रखेगा। बाजार में मिलने वाले रेडी-टू-कुक बैटर भी काम आता है, पर फ्रेश घर का बैटर स्वाद और सेहत के लिए बेहतर है।
अगर आप दक्षिण भारतीय नाश्तों में नई चीज़ें आज़माना चाहते हैं तो बेसन डोसा, मुँग दाल का पेसरट्टू या सब्जियों वाला उत्तपम ट्राय करें। छोटे बदलाव—जैसे ज्वार/बाजरा मिलाना या चिया/अलसी जोड़ना—नाश्ते को और पौष्टिक बना देता है।
हमारी साइट पर इसी टैग के अंतर्गत और भी लेख हैं जो रेसिपी, प्रस्तुति और स्वास्थ्य पर सीधी सलाह देते हैं। सुबह के खाने को आसान और स्वादिष्ट बनाने के लिए छोटे-छोटे प्रयोग करते रहें।
मेरे ब्लॉग में मैंने दक्षिण भारतीय नाश्ते के सबसे स्वस्थ्यवर्धक विकल्पों पर चर्चा की है। मैंने यह उल्लेख किया है कि इडली, डोसा, पोंगल और उत्तपम जैसे व्यंजन प्रोटीन, फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये नाश्ते तेल और मसालों के कम उपयोग के चलते लघु और सहज पाच्य होते हैं। इनमें से कुछ विकल्प तो डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी सहायक होते हैं। इसलिए, दक्षिण भारतीय नाश्ते के इन विकल्पों को आपने आहार में शामिल करना चाहिए।