मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने 21 नवंबर, 2025 को आधिकारिक रूप से शार्दूल ठाकुर को स्याद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 के लिए मुंबई टीम का कप्तान नियुक्त कर दिया — ऐसा करते हुए जो अभी तक चल रही खबरों को उलट दिया। कुछ घंटे पहले तक सभी मीडिया बता रहे थे कि सूर्यकुमार यादव, भारत के वर्तमान T20I कप्तान, चोटिल श्रेयस अय्यर की जगह टीम का नेतृत्व करेंगे। लेकिन दोपहर 11:55 बजे एमसीए की ट्विटर प्रोफाइल पर आया यह संक्षिप्त संदेश: 'शार्दूल ठाकुर लीड करेंगे मुंबई को #SMAT में! अंगक्रिश रघुवंशी विकेटकीपर!' — यही बदलाव ने पूरे देश के क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया।
क्यों बदल गया फैसला?
शुरुआत में तो सब कुछ सूर्यकुमार यादव के नाम पर तय लग रहा था। 20 नवंबर को संजय पाटिल, मुंबई के मुख्य चयनकर्ता, ने खुलकर कहा था: 'मैंने सूर्या से बात की है। वो SMAT के लिए उपलब्ध हैं।' इसके साथ ही शिवम दूबे भी टीम में शामिल होने के लिए तैयार थे — लेकिन फिर उन्होंने अपनी शरीर की रक्षा के लिए टूर्नामेंट से बाहर होने का फैसला कर लिया। इसके बाद भी अधिकांश विश्लेषकों का मानना था कि भारतीय टीम के कप्तान को घरेलू टूर्नामेंट में नेतृत्व देना बेहद सार्थक होगा।
लेकिन फिर आया वो मोड़। एमसीए के चयन समिति ने अचानक एक ऐसा फैसला किया जिसकी कोई उम्मीद नहीं थी। शार्दूल ठाकुर को फिर से कप्तान बनाने का फैसला न सिर्फ अनुभव के आधार पर था, बल्कि एक स्पष्ट संकेत भी था — जो चाहते हैं वो टीम का नेता हो, न कि बस एक बल्लेबाज।
सूर्यकुमार यादव का फॉर्म ड्रॉप: आंकड़े बोल रहे हैं
यहां बात नहीं बस अंतरराष्ट्रीय कप्तानी की है — बल्कि आखिरी तीन महीनों का फॉर्म है। एशिया कप 2025 में सूर्यकुमार यादव ने छह पारियों में केवल 72 रन बनाए, जिसका औसत 18 और स्ट्राइक रेट 101.40 था। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर उनका स्ट्राइक रेट बढ़कर 171.42 हुआ, लेकिन 84 रन भी उनके लिए अपेक्षाओं से काफी कम थे।
अगर आप उनके T20I कैरियर को देखें — 95 मैचों में 2,754 रन, स्ट्राइक रेट 164.41 — तो वो दुनिया के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाजों में से एक हैं। लेकिन अब यह बात बदल गई है: अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन और घरेलू टीम के लिए नेतृत्व के बीच अंतर हो गया है। एमसीए के लिए अब सवाल यह नहीं कि वो कितने रन बना सकते हैं — बल्कि वो कितना नेतृत्व दे सकते हैं।
शार्दूल ठाकुर: अनुभवी, शांत और अनुभवी
शार्दूल ठाकुर ने पिछले SMAT में भी मुंबई की कप्तानी की थी। उनका नेतृत्व शांत, अनुभवी और गेंदबाजी पर आधारित था। वो बल्लेबाजी के बजाय बल्लेबाजी के बीच लगातार गेंदबाजी अनुभव देते हैं। इस बार उनके साथ तुषार देशपांडे और शार्दूल खुद पेस बॉलिंग की नींव बनाएंगे। जबकि तनुष कोटियन और शम्स मुलानी गोलीबाजी का दायित्व संभालेंगे।
यह टीम बनाने का मकसद सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं — बल्कि नेशनल सेलेक्टर्स को दिखाना है कि कौन नेतृत्व कर सकता है। अगर आप देखें तो इस टीम में कोई भी नौकरी नहीं बची। आयुष महात्रे, मुशीर खान, सूर्यांश शेडज — सब युवा हैं। और उनके ऊपर एक अनुभवी कप्तान का बोझ है।
मुंबई की टीम: अनुभव और युवा का मिश्रण
- कप्तान: शार्दूल ठाकुर
- उपकप्तान/वरिष्ठ बल्लेबाज: अजिंक्य रहाणे
- विकेटकीपर: अंगक्रिश रघुवंशी
- बल्लेबाज: सूर्यकुमार यादव, सिद्धेश लाड, सरफराज खान, शिवम दूबे (बाहर), शम्स मुलानी, सूर्यांश शेडज
- गेंदबाज: तुषार देशपांडे, शिवराज पाटील, मुशीर खान, अथर्व अंकोलेकर, तनुष कोटियन, शम्स मुलानी, हार्दिक तमोरे
इनमें से अधिकांश खिलाड़ी अभी तक भारतीय टीम में नहीं खेले हैं। लेकिन यही टीम अगले साल टी20 विश्व कप 2026 के लिए भारत के नए बल्लेबाजों का बीज हो सकती है।
अगले कदम: टी20 विश्व कप 2026 की तैयारी शुरू
स्याद मुश्ताक अली ट्रॉफी का शुभारंभ 26 नवंबर, 2025 को लखनऊ के एकाना स्टेडियम में मुंबई बनाम रेलवे के मुकाबले से होगा। इसके बाद भारत की टीम 9 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेलेगी। यही टूर्नामेंट अब नेशनल सेलेक्टर्स के लिए एक बड़ा फिल्टर बन गया है।
शार्दूल ठाकुर के कप्तानी का फैसला बहुत से लोगों के लिए आश्चर्यजनक है। लेकिन एक बात साफ है — एमसीए ने अपने निर्णय में राष्ट्रीय नाम को नहीं, बल्कि टीम के लिए उपयुक्त नेतृत्व को प्राथमिकता दी है। यह एक ऐसा संकेत है जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रश्नोत्तर
क्यों चुना गया शार्दूल ठाकुर, जबकि सूर्यकुमार यादव भारत के कप्तान हैं?
एमसीए ने यह फैसला अपने टीम के लिए अनुभवी और नियंत्रित नेतृत्व को प्राथमिकता देते हुए लिया। सूर्यकुमार यादव का हालिया फॉर्म गिरा हुआ है — एशिया कप में उनका औसत 18 और स्ट्राइक रेट 101.40 था। शार्दूल ठाकुर पिछले SMAT में भी कप्तान रहे हैं और उनकी गेंदबाजी और शांत नेतृत्व शैली युवा टीम के लिए बेहतर रहेगी।
शिवम दूबे क्यों नहीं खेलेंगे?
शिवम दूबे ने अपने शरीर की रक्षा के लिए SMAT से बाहर होने का फैसला किया है। भारतीय टीम के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20I सीरीज की तैयारी में उन्हें आराम देने का फैसला किया गया। यह एक सामूहिक निर्णय था जिसमें एमसीए और बीसीसीआई दोनों शामिल थे।
सूर्यकुमार यादव ने कभी मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेला है?
नहीं। सूर्यकुमार यादव ने रणजी ट्रॉफी 2024-25 के सेमीफाइनल के बाद से मुंबई के लिए कोई घरेलू मैच नहीं खेला है। उनकी आखिरी लिस्ट ए मैच सौराष्ट्र के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी जनवरी 2025 में थी। यह उनकी अंतरराष्ट्रीय भूमिका को दर्शाता है, लेकिन घरेलू टीम के लिए उनकी उपलब्धता सवाल में है।
इस फैसले से भारतीय टीम के लिए क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह फैसला भारतीय टीम के लिए एक नया नेतृत्व प्रारूप दिखाता है — जहां अंतरराष्ट्रीय कप्तानी घरेलू नेतृत्व के लिए पर्याप्त नहीं है। शार्दूल ठाकुर के नेतृत्व से युवा खिलाड़ियों को अनुभव मिलेगा, जो टी20 विश्व कप 2026 के लिए बेहद जरूरी है। यह एक ऐसा संकेत है कि भारतीय क्रिकेट अब सिर्फ बल्लेबाजी पर नहीं, बल्कि टीम के संगठन पर भी ध्यान दे रहा है।
क्या सूर्यकुमार यादव अगले टूर्नामेंट में कप्तान बन सकते हैं?
हां, अगर वो अगले कुछ महीनों में अपना फॉर्म वापस पाते हैं और घरेलू टीम में नियमित रूप से खेलते हैं, तो वो अगले टूर्नामेंट में कप्तान बन सकते हैं। लेकिन अब एमसीए के लिए यह शर्त है कि नेतृत्व और फॉर्म दोनों होने चाहिए — बस एक नहीं।
इस टीम में कौन से खिलाड़ी भविष्य के लिए आशावादी हैं?
अंगक्रिश रघुवंशी, मुशीर खान, सूर्यांश शेडज और अथर्व अंकोलेकर जैसे युवा खिलाड़ी इस टीम के भविष्य के आधार हैं। उन्हें शार्दूल ठाकुर और अजिंक्य रहाणे के साथ खेलने का अवसर मिला है। ये नाम अगले तीन साल में भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।