साउथ अफ्रीका स्क्वॉड दक्षिण अफ्रीका की सेना का एक विशेष यूनिट है। ये यूनिट तेज हवा, रेगिस्तानी इलाकों और समुद्री किनारे पर काम करती है। साधारण शब्दों में, स्क्वॉड का काम बायो-डिफेंस, त्वरित प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण मिशन को अंजाम देना है।
स्क्वॉड में सदस्य अक्सर छोटे समूह में काम करते हैं, इसलिए ट्रेनिंग बहुत कड़ी होती है। आप चाहे नया उम्मीदवार हों या पहले से सैनिक, स्क्वॉड का हर सदस्य ऊँची शारीरिक और मानसिक फिटनेस रखता है।
अगर आप साउथ अफ्रीका स्क्वॉड में शामिल होना चाहते हैं, तो सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी भर्ती ऑफिस पर जाएँ। आपको 18‑30 साल की उम्र के बीच होना चाहिए और न्यूनतम शारीरिक मानकों को पूरा करना होगा।
भर्ती के चरण आम तौर पर इस तरह होते हैं:
सभी चरण पास करने के बाद आपको बेसिक ट्रेनिंग कैंप में भेजा जाएगा। यहाँ दो महीने की कड़ी ट्रेनिंग में रूटीन फिटनेस, हथियारों का प्रयोग और टैक्टिकल ड्रिल शामिल होते हैं।
ट्रेनिंग के बाद, स्क्वॉड में आपका रोज़मर्रा का काम निर्धारित शिफ्ट पर निर्भर करता है। सुबह जल्दी उठकर फिटनेस रूटीन, फिर ब्रीफ़िंग जहाँ असाइनमेंट बताया जाता है। कई बार आपको ड्रोन ऑपरेशन, रेस्क्यू मिशन या बाउंड्री सुरक्षा जैसे काम मिलते हैं।
टिकाऊ रहने के लिए स्क्वॉड में टीमवर्क सबसे ज़रूरी है। साथी अक्सर एक दूसरे का बैक अप देते हैं, और छोटे‑छोटे ब्रेक में चाय या कॉफ़ी के साथ बात करते हैं। छुट्टियों में आप बेस के बाहर गिरेज में जा सकते हैं या अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं।
अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तेज़ी से निर्णय लेना और देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहते हैं, तो साउथ अफ्रीका स्क्वॉड आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। सिर्फ एक क्लिक से आवेदन करें और अपनी नई ज़िन्दगी की शुरुआत करें।
साउथ अफ्रीका ने चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के लिए 15 सदस्यीय स्क्वॉड घोषित किया। एनरिच नॉर्टजे पीठ की चोट के कारण बाहर, उनकी जगह ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश शामिल। क्वेना मफाका ट्रैवलिंग रिज़र्व होंगे। टीम में अनुभव और नए चेहरों का संतुलन, ग्रुप मैच अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से होंगे।