क्या आपने सोचा है कि छोटे-छोटे व्यवहार किसी रिश्ते को कितनी मजबूती दे सकते हैं? सम्मान देना बस शिष्टाचार नहीं, वह समझ और पहचान है जो रिश्तों को टिकने देती है। नीचे दिए सुझाव सीधे और व्यवहारिक हैं ताकि आप आज से ही इन्हें लागू कर सकें।
पहला कदम है सुनना। जब कोई बोल रहा हो, ध्यान से सुनिए — बीच में न काटें और आंखों में देखकर बात सुनना ही सम्मान दिखाने का सबसे तेज़ तरीका है।
बोली और शब्द चुनें। तंज या उँगलियाँ उठाने की जगह साफ और नम्र शब्दों में अपनी बात रखें। किसी की राय से असहमत हों तो व्यक्ति पर हमला न करें, मुद्दे पर बात रखें।
समय का सम्मान करें। मिलने का वादा किया है तो समय पर पहुंचें। देर होने पर पहले से बताना भी सम्मान दर्शाता है।
छोटी आदतें बड़ी असर देती हैं: धन्यवाद कहना, दरवाजा खोल कर रखना, समान अवसर देना — ये सब व्यवहारिक संकेत हैं जो सामने वाले को महत्वपूर्ण महसूस कराते हैं।
घर में: बुजुर्गों की बातों को सुने और उनकी पसंद-नापसंद का ध्यान रखें। बच्चों के सामने बहस करते वक्त भी एक-दूसरे को शांति से सुनना सीखें। यह मॉडल बनता है और बच्चों में भी सम्मान की भावनाएँ आती हैं।
कार्यालय में: सहयोगियों की मेहनत की प्रशंसा करें। जिम्मेदारियाँ बाँटते समय पारदर्शिता रखें और किसी की गलती पर सार्वजनिक आलोचना से बचें। आलोचना निजी में और सकारात्मक ढंग से दें।
ऑनलाइन: सोशल मीडिया पर तेज़ी से अपमान होने की संभावना होती है। किसी का विचार नापसंद हो तो शांति से जवाब दें या बात न बढ़ाएं। अनजाने में भी अपमान न फैलाएँ।
सीमाएँ रखें। सम्मान देना मतलब हर चीज सहमति से नहीं होना; अपनी सीमाएँ बताना भी सम्मान का हिस्सा है। किसी की सीमाओं का आदर करिए और अपनी भी स्पष्ट रखिए।
गलतियों पर रहम दिखाएँ। किसी से गलती हुई हो तो तुरंत ही निर्णय न लें; पूछें, समझें और सुधार का मौका दें। माफी मांगना भी सम्मान की भाषा है।
जब आप दूसरों को सम्मान देते हैं तो वे भी आपका सम्मान करते हैं। यह एक ऐसा व्यवहार है जो छोटे बदलावों से बड़े रिश्ते बना देता है। आप आज कौन-सा छोटा कदम उठाएंगे जो सामने वाले को सम्मान महसूस कराएगा?
भारत और भारतीयों से नफरत करने वालों को डील करने के लिए अपने मन में से पहले उनको सम्मान और सहयोग देना होगा। उन्हें समझने के लिए अपनी बात को कुछ सुझावों के साथ समझाना होगा और उनसे संवाद करना होगा। उन्हें जो उत्साहित किया जाता है उसे समझना और उनकी बातों का समाधान करना होगा। बहुत से लोग सम्मान और सहयोग प्राप्त करने के बाद अपने नफरत के विषय पर विचार बदल सकते हैं।